Friday, 6 April 2018

एक लग्न / एक नक्षत्र दोष

एक लग्न / एक नक्षत्र दोष 


माता पिता, भाई  बहन का किसी एक की लग्न में जन्म होना अशुभ माना जाता है, इसीप्रकार एक की जन्म नक्षत्र (चन्द्र नक्षत्र) में जन्म होने को भी अशुभ माना जाता है | पाराशर होरा शास्त्र के अशुभजन्म कथनाध्याय में इस का वर्णन किया गया है तथा शांति के उपायों का वर्णन भी किया हुआ है , यहाँ  मैं  नक्षत्र शांति मन्त्र  दे रहा हूँ, पूरा वेद मन्त्र काफी बड़ा है और उस का उच्चारण भी कठिन है यहाँ आसान मन्त्रों का जप संख्या सहित वर्णन है| आप अपने जन्म नक्षत्र के अनुसार मन्त्र का जप कर लाभ उठा सकते हैं -

यदि आपके यह दोष नही भी है तो भी आप अपने जन्मनक्षत्र के मन्त्र का जप करेंगे तो आप को लाभ होगा |

यदि लग्न दोष हो तो जन्म लग्न के नक्षत्र का जप - शांति करनी चाहिए, साथ ही अपने जन्म दिवस पर अन्न, वस्त्र और छाया दान करना चाहिए |

1 अश्विनी नक्षत्र मंत्र:  - ॐ अश्विभ्यां नम: | - जप संख्या 5000
2 भरणी नक्षत्र मंत्र:    - ॐ यमाय नम: | - जप संख्या  10000
3 कृतिका मंत्र: - ॐ अग्नये नम: | - जप संख्या  10000
4 रोहिणी नक्षत्र मंत्र:  - ॐ ब्रहमणे नम: | - जप संख्या 5000
5 मृगशिरा नक्षत्र मंत्र: - ॐ चन्द्रमसे नम: ।  - जप संख्या  10000
6 आर्द्रा नक्षत्र मंत्र:  - ॐ रुद्राय नम: | - जप संख्या 10000
7 पुनर्वसु नक्षत्र मंत्र: - ॐ अदितये नम: ।  - जप संख्या 10000
8 पुष्य नक्षत्र मंत्र:  - ॐ बृहस्पतये नम: ।  - जप संख्या  10000
9 अश्लेषा नक्षत्र मंत्र: - ॐ सर्पेभ्यो नम: | - जप संख्या  10000
10 मघा नक्षत्र मंत्र: - ॐ पितृभ्यो नम: ।  - जप संख्या  10000
11 पूर्वाफाल्गुनी नक्षत्र मंत्र: - ॐ भगाय नम: ।  - जप संख्या  10000
12 उत्तराफालगुनी नक्षत्र मंत्र: - ॐ अर्यम्णे नम: ।  - जप संख्या  5000
13 हस्त नक्षत्र मंत्र: - ॐ सवित्रे नम: |  - जप संख्या  5000
14 चित्रा नक्षत्र मंत्र: - ॐ विश्वकर्मणे नम: । - जप संख्या  5000
15 स्वाती नक्षत्र मंत्र: - ॐ वायवे नम: | - जप संख्या  5000
16 विशाखा नक्षत्र मंत्र: - ॐ इन्द्राग्नये नम: ।  - जप संख्या  10000
17 अनुराधा नक्षत्र मंत्र: - ॐ मित्राय नम: |  - जप संख्या  10000
18 ज्येष्ठा नक्षत्र मंत्र: - ॐ इन्द्राय नम: ।  - जप संख्या  5000
19 मूल नक्षत्र मंत्र: - ॐ निॠतये नम: |  - जप संख्या  5000
20 पूर्वाषाढ़ा नक्षत्र मंत्र: - ॐ अद्भ्यो नम: ।  - जप संख्या  5000
21 उत्तराषाढ़ा नक्षत्र मंत्र: - ॐ विश्वेभ्यो देवेभ्यो नम: |  - जप संख्या 10000
22 श्रवण नक्षत्र मंत्र: - ॐ विष्णवे नम: ।  - जप संख्या  10000
23 धनिष्ठा नक्षत्र मंत्र: - ॐ वसुभ्यो नम: ।  - जप संख्या  10000
24 शतभिषा नक्षत्र मंत्र: - ॐ वरुणाय नम: ।  - जप संख्या 10000
25 पूर्वभाद्रपद नक्षत्र मंत्र: - ॐ अजैकपदे नम:।  - जप संख्या  5000
26 उत्तरभाद्रपद नक्षत्र मंत्र: - ॐ अहिर्बुधन्याय नम: ।  - जप संख्या  1000
27 रेवती नक्षत्र मंत्र: - ॐ पूष्णे नम: ।  - जप संख्या 10000

गुरुजी श्री शक्तिमोहन जी के मार्गदर्शन व मेरी माँ के आशीर्वाद से CREATED BY :- वीरभद्र अग्रवाल सम्पर्क करें :
http://lifegraph-gyastro.blogspot.in

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