Thursday, 29 March 2018

दशा अन्तर्दशा में किये जाने वाले उपाय


बृहत पराशर होरा शास्त्र दशा अन्तर्दशा में किये जाने वाले उपाय

बृहत पराशर होरा शास्त्र के दशाफल अध्याय में किन - किन ग्रहों की दशा - अन्तर्दशा में कौन - कौन से उपाय करने चाहियें, उन का वर्णन इस प्रकार से है - 

दशा - अन्तर्दशा                                          उपाय

सूर्य - सूर्य - मृतुन्जय जप, सूर्य की पूजा (जप, दान आदि) करना चाहिए
सूर्य - चन्द्रमा - सफेद गाय की सेवा, दान, महिष का दान व सेवा करनी चाहिए
सूर्य - मंगल - वेद पाठ, मंगल के जप व दान, बैल की सेवा करनी चाहिए
सूर्य - राहु - दुर्गा पूजन, जप, छाग, कृष्णा गो, महिषी की सेवा दान करना चाहिए
सूर्य - गुरु - सुवर्ण दान, कपिला गो का दान, इष्टदेव की पूजा करनी चाहिए
सूर्य - शनि - मृतुन्जय जप, छाग, कृष्णा गो, महिषी की सेवा दान करना चाहिए
सूर्य - बुध - विष्णु सहस्त्रनाम पाठ, अन्नदान, चांदी की प्रतिमा का दान करना चाहिए
सूर्य - केतु - दुर्गा जी का जप (शतचंडी पाठ), छाग दान करना चाहिए
सूर्य - शुक्र - मृतुन्जय जप, कपिला गोदान,  महिषी की सेवा दान, रूद्र जप करना चाहिए

चन्द्रमा - चन्द्रमा - कपिला गो की सेवा दान,  महिषी की सेवा दान करना चाहिए
चन्द्रमा - मंगल - ब्राह्मणों का सत्कार करना चाहिए
चन्द्रमा - राहु - रूद्र जप, छाग दान करना चाहिए
चन्द्रमा - गुरु - शिव सहस्त्रनाम पाठ, सुवर्ण दान करना चाहिए
चन्द्रमा - शनि - मृतुन्जय जप, कपिला गोदान,  महिषी की सेवा दान, रूद्र जप करना चाहिए
चन्द्रमा - बुध - विष्णु सहस्त्रनाम पाठ, छाग दान करना चाहिए
चन्द्रमा - केतु - शिव सहस्त्रनाम पाठ, शिव पूजन करना चाहिए
चन्द्रमा - शुक्र - रूद्र जप, कपिला गो की सेवा दान, चांदी का दान, शिव पूजन करना चाहिए
चन्द्रमा - सूर्य - शिव पूजन करना चाहिए

मंगल - मंगल - रूद्र जप, रक्तवृष का दान पूजन करना चाहिए,  शिव पूजन करना चाहिए
मंगल - राहु - नाग पूजा, ब्राह्मणों का सत्कार, भोजन कराना चाहिए, मृतुन्जय जप करना चाहिए
मंगल - गुरु - शिव सहस्त्रनाम पाठ, शिव पूजन करना चाहिए
मंगल - शनि - मृतुन्जय जप, शिव पूजन करना चाहिए
मंगल - बुध - अश्वदान, विष्णु सहस्त्रनाम पाठ करना चाहिए
मंगल - केतु - शिव सहस्त्रनाम पाठ, शिव पूजन करना चाहिए
मंगल - शुक्र - गो की सेवा दान,  महिषी की सेवा दान करना चाहिए
मंगल - सूर्य - सूर्य की आराधना
मंगल - चन्द्रमा - दुर्गा, लक्ष्मी जी के जप, महिष की सेवा दान करना चाहिए

राहु - राहु - राहू की आराधना, जप, दान, शांति कराने से लाभ होता है
राहु - गुरु - स्वर्ण शिव प्रतिमा का पूजन करने से लाभ होता है
राहु - शनि - कृष्ण गोदान,  महिषी की सेवा दान करना चाहिए
राहु - बुध - विष्णु सहस्त्रनाम पाठ करना चाहिए
राहु - केतु - छाग दान करना चाहिए
राहु - शुक्र -  लक्ष्मी जी की पूजा-पाठ करे तो सुख की प्राप्ति होती है
राहु - सूर्य - सूर्य की आराधना करनी चाहिए
राहु - चन्द्रमा - श्वेत गोदान एवं महेश दान करने से सुख की प्राप्ति होती है
राहु - मंगल - वृषदान और गोदान करे तो सुख प्राप्त होता है 

गुरु - गुरु - शिव सहस्त्रनाम पाठ, रूद्र जप, गो का दान पूजन करना चाहिए,  शिव पूजन करना चाहिए
गुरु - शनि - विष्णु सहस्त्रनाम पाठ , कृष्ण गोदान , महिष दान करे तो शनि प्रसन्न होगा और लाभ होगा 
गुरु - बुध - सर्व्सुख्दायक , आयुवृद्धिकारक , विष्णु सहस्त्रनाम पाठ का जप करना चाहिए 
गुरु - केतु - छाग दान और विधिपूर्ण मृत्युंजय जप करना चाहिए 
गुरु - शुक्र - कपिलागोदान ,महिष दान करे तो लाभ होता है  
गुरु - सूर्य - आदित्यहृदय का पाठ करे 
गुरु - चन्द्रमा - सप्तशती दुर्गापाठ करना चाहिए 
गुरु - मंगल - सर्व संपत्ति दायक वृष का दान करना चाहिए
गुरु - राहु - मृत्युंजय का जप ,छाग दान करे 


शनि - शनि -  मृत्युंजय का जप करे 
शनि - बुध - विष्णुसहस्त्रनाम का जप ,अन्नदान करे 
शनि - केतु - छागदान करे 
शनि - शुक्र - दुर्गा सप्तशती पाठ ,गोदान ,महिषदान करे 
शनि - सूर्य - सूर्य की आराधना करनी चाहिए
शनि - चन्द्रमा - तिल से हवन , गुड ,घी , दही मिला हुआ तणडुल ,गौऊ ,महिष का दान करे 
शनि - मंगल - होम और वृषदान करना चाहिए  
शनि - राहु - मृत्युंजय जप ,छागदान ,वृषदान करना चाहिए 
शनि - गुरु - शिवसरहस्त्रनाम जप और सुवर्ण दान करना चाहीए


बुध - बुध - विष्णुसहस्त्रनाम का जप करना चाहिए 
बुध - केतु - छागदान करे 
बुध - शुक्र - दुर्गा सप्तशती पाठ और मन्त्र-जप करे  
बुध - सूर्य - सूर्य की आराधना आदि शान्ति करनी चाहिए 
बुध - चन्द्रमा - दुर्गा मन्त्र वस्त्र दान करना चाहिए 
बुध - मंगल - गोदान, मृत्युंजय जप, शिव पूजा करनी चाहिए 
बुध - राहु - दुर्गा और लक्ष्मी के मन्त्र जप ,कपिला गो का दान महिष का दान और पूजा करना चाहिए 
बुध - गुरु - शिवसरहस्त्रनाम जप ,गोदान-पूजा ,स्वर्ण का दान करना चाहिए 
बुध - शनि - मृत्युंजय जप, कृष्णगो और महिष का पूजन एवम दान करना चाहिए 


केतु - केतु - दुर्गा सप्त शती का पाठ, कपिला गो का दान महिष का दान और पूजा करना चाहिए 
केतु - शुक्र - दुर्गा सप्त शती का पाठ, कपिला गो का दान महिष का दान और पूजा करना चाहिए 
केतु - सूर्य - स्वर्णदान, गो पूजन दान, सूर्य की आराधना आदि करनी चाहिए 
केतु - चन्द्रमा - चन्द्रमा की शान्ति के लिए जप, दान करने से लाभ मिलता है
केतु - मंगल - वृष की पूजा दान करने से लाभ मिलता है
केतु - राहु - दुर्गा सप्त शती का पाठ करने से लाभ मिलता है
केतु - गुरु - शिवसरहस्त्रनाम जप, मृत्युंजय जप करना चाहिए 
केतु - शनि - तिल से हवन, गो और महिष का पूजन एवम दान करना चाहिए 
केतु - बुध - विष्णुसहस्त्रनाम का जप करने से लाभ मिलता है


शुक्र - शुक्र - दुर्गा सप्त शती का पाठ, गो का दान पूजन करने से लाभ मिलता है
शुक्र - सूर्य - सूर्य की आराधना आदि करनी चाहिए 
शुक्र - चन्द्रमा - रूद्र जप, कपिला गो की सेवा दान, चांदी का दान, शिव पूजन करने से लाभ मिलता है
शुक्र - मंगल - गो की सेवा दान,  महिषी की सेवा दान करने से लाभ मिलता है
शुक्र - राहु - मृत्युंजय जप करने से लाभ मिलता है
शुक्र - गुरु - मृत्युंजय जप करने से लाभ मिलता है
शुक्र - शनि - तिल से हवन, मृत्युंजय जप, दुर्गा सप्त शती का पाठ, शिव पूजन करने से लाभ मिलता है
शुक्र - बुध - विष्णुसहस्त्रनाम का जप करने से लाभ मिलता है
शुक्र - केतु - मृत्युंजय जप, छाग का दान, शुक्र की पूजा, हवन शान्ति करने से लाभ मिलता है



गुरुजी श्री शक्तिमोहन जी के मार्गदर्शन व मेरी माँ के आशीर्वाद से CREATED BY :- वीरभद्र अग्रवाल सम्पर्क करें :
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