सुबह बिस्तर छोड़ने से पहले दोनों हथेलियों का दर्शन कर इस मन्त्र का जप कर तीन बार हथेलियों को चूमें
स्नान करते समय मन्त्र का जप करें
प्रात: कर-दर्शनम
कराग्रे वसते
लक्ष्मी करमध्ये सरस्वती।
करमूले तू गोविन्दः
प्रभाते करदर्शनम्॥
इस के बाद जो स्वर चल रहा हो उस तरफतरफ के पांव को पहले धरती से स्पर्श करते हुए
निम्न मन्त्र का जप कर धरती माता से क्षमा मांगें
पृथ्वी क्षमा
प्रार्थना
समुद्र वसने देवी
पर्वत स्तन मंडिते।
विष्णु पत्नी
नमस्तुभ्यं पाद स्पर्शं क्षमश्वमेव॥
स्नान करते समय मन्त्र का जप करें
स्नान मन्त्र
गंगे च यमुने चैव
गोदावरी सरस्वती।
नर्मदे सिन्धु कावेरी जले
अस्मिन् सन्निधिम् कुरु॥
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